October 05, 2012

etc. ect. / "वगैरह वगैरह"

फलाने ने ढिमाके से कहा
अनाप शनाप बहुत बक रहे हो
क्या बात है ... ?
उसने कहा ...
एक नॉवेल पढ़ रहा हूँ
शीर्षक है ... "वगैरह वगैरह"
तो ... इसमें क्या? —— फलाने ने पूछा
इसमें चंगु मंगू नॉवेल के नयक्स हैं
जो तीस मार खाँ को ढूँढने निकल पड़ते है
चाचा चुग्गु के कहने पर ...
and then, it's a hit & run case with hot babes, scorching sun and fast cars
and yes! nights are 'ravines'
पर विनाशकाले opposite बुद्धिज़
तीस मार खाँ के हाथ लगने से पहले ही // ...
दोनों में तकरार हो जाती है
एक शक्ति कपूर तो दूसरा संजीव कुमार बन जाते है
और अपना अपना रास्ता नाप लेते है ...
करीब हजार किलोमीटर बिछड़ने के बाद // ..
शक्ति कपूर .. लल्लू से मिलता है
और संजीव कुमार .. पंजू से
—— और दोस्ती हो जाती है
ये और बात है ... किसी को पता नहीं
लल्लू और पंजू को तीस मार खाँ ने भेजा था
चंगु और मंगू को पता नहीं था ...
कि लल्लू और पंजू असल में विवेक और जॉन थे
हाँलाँकि चंगु और मंगू को शक कि व्हिस्की पड़ी ज़रूर थी
पर उन दोनों को ये एहसास दिलाना नहीं चाहते थे ...
कहानी और आगे बढ़ी ——
I mean ... hit & run, hot babes, scorching sun and fast cars ////
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अच्छा अच्छा ठीक है ...
फलाने ने ऐतराज़ किया
बाकी मैं ... चाचा चुग्गु से पता कर लूँगा
ढिमका बोला ..
बड़ी जल्दी चट गए?
अभी कह रहे थे // अनाप शनाप बक रहे हो
ये वगैरह वगैरह टाईप्स नॉवेल्स ऐसी ही होती है
सौ सौ करोड़ की रंगीन फिल्मे ऐसी ही नहीं बनती
राजीव हरी ओम भाटिया की फिल्मे नहीं देखते ?
कैसे दाँत दिखा कर दुश्मनों के छक्के छुड़ाता है बाई गाड :D
फलाने का मूड ऑफ हो गया ///
चूसे हुए गन्ने सा अपने बॉडी से फ्लैट नींबू के पीस निकाल रहा था
फलाना बोला ... बस अब रहने दो // बहुत हुआ
OK OK my fault ... पर शुरू तुमने किया था
खैर ... (फलाना)
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(फलाना again) ... अच्छा बताओ ये novel है किसकी?
Who is the story writer ???
अमां छोड़ो भी ... किन चक्करों में पड़े हो ///
होगा कोई ——
सुना है कोई ऐयंवेयीं लाल चड्ढा है
फलाना ... Thanks yaar. Ok c U :)
Bye Tc ... (ढीमाका)